जबलपुर। दिनांक 12 मार्च 2024 को शासकीय विज्ञान महाविद्यालय में स्वर्ण पदक अलंकरण समारोह का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय राकेश सिंह ,कैबिनेट मंत्री लोक निर्माण विभाग, मध्य प्रदेश शासन ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि इस महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र होने के नाते उनकी सुनहरी स्मृतियां इस महाविद्यालय से जुड़ी हैं और वह अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं कि इस प्रतिष्ठित महाविद्यालय में अध्ययन करने का अवसर प्राप्त हुआ। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कार विहीन शिक्षा का कोई अर्थ नहीं है, संस्कार ही आप को विशिष्ट पहचान देते हैं।
विद्यार्थी जीवन बार-बार नहीं आता अपने जीवन में अनुशासन का पालन करते हुए आगे बढ़ें। प्राचार्य डॉ ए एल महोबिया ने स्वागत भाषण दिया तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी तथा शेष विद्यार्थियों से कहा कि वह भी प्रेरणा प्राप्त करके जीवन के अन्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री माइकल प्रदीप कपूर ने विद्यार्थियों से कहा कि आज आपके पास आगे बढ़ने के कई अवसर है। इस अवसर पर जन भागीदारी समिति सदस्य श्रीमती किरण तोमर ,श्री कमलेश दहिया, श्री सुधीर शर्मा ,भूतपूर्व छात्र संगठन के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सिंह, डा पुष्पराज चौधरी कार्यक्रम समन्वयक ,डा वर्षा अगलावे संजोयक मंचसीन रहे।
महाविद्यालय में वर्तमान में 15 स्वर्ण पदक संचालित हैं जो विभिन्न कक्षा/समूह में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रदान किए जाते हैं । इस वर्ष तीन विद्यार्थियों कु श्रुति जैन, कु ख्याति सेठ एवं कु दिशा हजारी को कक्षा एवम समूह में प्रथम आने पर दो-दो स्वर्ण पदक प्राप्त हुए । कार्यक्रम में विभिन्न समितियां द्वारा सत्र भर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया ।
दूसरे सत्र में स्वर लहरी का आयोजन किया गया जिसके जिसमें विद्यार्थियों ने एकल गायन, युगल गायन की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम संचालन संचालन डॉ ज्योति श्रीवास्तव एवं डॉ आरके श्रीवास्तव ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ जया वाजपेई ने किया। कार्यक्रम में स्वर्ण पदक प्रदाता, स्वर्ण पदक प्राप्त विद्यार्थियों के अविभावक,शहर के गणमान्य नागरिक ,प्राध्यापक एवम विद्यार्थी उपस्थित रहे। आयोजन में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों एवम कर्मचारियों का सहयोग रहा।
- स्व. श्री विनोद कुमार बहरे