सुरक्षा से खिलवाड़: अवैध मैरिज गार्डनाें में गूंज रहीं ‘शहनाइयां’ संचालकों ने नहीं ली फायर एनओसी, नहीं कराया जा रहा सीमांकन, आम रास्ते की जमीन पर कब्जा, कई जगहों पर नहीं आग से बचाव के इंतजाम

नगर निगम द्वारा नहीं की जा रही प्रभारी कार्रवाई, कारोबारियाें की जारी है मनमानी

कटनी। नियमों को ताक में रखकर शहर व उपनगरीय क्षेत्र में मैरिज गार्डनों का संचालन हो रहा है। जिन मैरिज गार्डनों में बिल्डिंग है, उनको फायर एनओसी लेना भी अनिवार्य है, इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। शहर में अभी भी कई मैरिज गार्डन में नियमाें को ताक में रखकर संचालन हो रहा है। नियम विरुद्ध तरीके से बुकिंग लेकर संचालक शहनाइयां बजवा रहे हैं। इससे न सिर्फ नगर निगम को राजस्व की क्षति पहुंच रही है बल्कि लोगाें की सुरक्षा से भी खिलवाड़ हो रहा है। बता दें कि शहर में कई मैरिज गार्डन अवैध तरीके से नहीं कराया जा रहा सीमांकन, आम रास्ते की जमीन पर कब्जा कर चल रहे हैं। इनके खिलाफ न्यायालय में अभियोजन का भी मामला चल रहा है। इसके अलावा कुछ तो ऐसे मैरिज गार्डन नियमों के विपरीत शहनाइयां बज रहीं हैं।

मैरिज गार्डन का हर पांच वर्ष में लाइसेंस रिन्यूअल कराना, समारोह में हवाई फायर पर प्रतिबंध, परिसर में सीसी टीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है, लेकिन कई गार्डनों में कैमरे नहीं लगे। समारोह से तीन दिन पहले संबंधित थाने में सूचना देना, रात 10 बजे के बाद डीजे का उपयोग न करना, आतिशबाजी के लिए निर्धारित स्थान की जानकारी प्रशासन को देना, समारोह के बाद कचरा फेंकना, मैरिज गार्डन के कुल क्षेत्रफल का 35 फीसदी स्थान पार्किंग के लिए अनिवार्य है, लेकिन कई जगह सड़कों पर पार्किंग होती है। मैरिज गार्डन में वृक्षारोपण, पार्क, और खुली भूमि होना भी अनिवार्य, है, लेकिन यहां पर धर्मशाला में शहनाइयां बजती हैं। आने-जाने के लिए गार्डन में अलग-अलग रास्ते, अग्निशमन यंत्र अनिवार्य, महिला एवं पुरुषों के लिए पर्याप्त प्रसाधन, कक्ष सहित अन्य नियमों का पालन नहीं कर रहे।

सब इंजीनियर नहीं दे रहे ध्यान
अवैध मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी नगर निगम के छह सब इंजीनियरों को सौंपी गई है। इनको गार्डनों में जाकर देखना है कि किन-किन नियमों का उल्लंघन हो रहा है व कौन से मैरिज गार्डन नियमों के विपरीत चल रहे हैं।

पार्किंग की है समस्या
मैरिज गार्डन में वाहन पार्किंग के इंतजाम नहीं हैं। कई गार्डन तो चाका से लेकर झिंझरी तक मॉडल रोड के किनारे पर हैं, जिनके वाहन सड़क किनारे खड़े होते हैं। पार्किंग के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण जब गार्डन में मैरिज होती है, तो हाईवे के दोनों तरफ और बीच रोड तक दो पहिया और चार पहिया वाहनों की कतारें लग जाती हैं, जिससे यहां कई बार यातायात जाम की स्थिति बनती है और नागरिक परेशान होते हैं। फायर सेफ्टी सिस्टम पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। दुर्गा चौक के आगे भी यही हाल रहता है।

सड़क पर फेंकते हैं वेस्टेज सामान

इन मैरिज गार्डन में शादी-समारोह के बाद बची खाद्य सामग्री आदि के निष्पादन के तक पुख्ता इंतजाम नहीं हैं, इस कारण शादी समारोह खत्म होने के बाद गार्डन के सामने ही वेस्टेज फेंक देते हैं। जिससे आसपास रहने वाले नागरिक परेशान होते हैं। वहीं कुछ मैरिज गार्डन में तो पानी निकासी के तक इंतजाम नहीं हैं और कचरा प्रबंधन की भी कोई नीति नहीं है। नगर निगम उदासीन है लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती।

ये हैं मैरेज गार्डन के लिए नियम
प्रत्येक मैरिज गार्डन संचालक को नगर पालिका से अनुमति लेना अनिवार्य।

मैरिज गार्डन के लिए फायर बिग्रेड की एनओसी के लिए भी शुल्क निर्धारित।

डीजे के लिए भी समय निर्धारित, रात 10 से सुबह 8 बजे तक प्रतिबंधित।

गार्डन में वॉटर हारर्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना जरूरी।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आने-जाने के लिए दो गेट लगाना जरूरी।

बिजली, पानी और आपात बिजली की व्यवस्था निश्चित मापदंड पर जरूरी।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की जवाबदारी भी मैरिज गार्डन संचालक की है।

गार्डन में केंद्र व राज्य शासन के ध्वनि व वायु प्रदूषण नियम का पालन हो।

मैरिज गार्डन तक सड़क की चौड़ाई कम से कम 40 फीट हो।

कुल क्षेत्र का 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित।

पार्किंग के लिए चार गार्ड रखना होंगे। जो मुख्य सड़क का ट्रैफिक भी संभालेंगे।

देर रात तक बजाए जाते हैं डीजे
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मैरिज गार्डन में रात 10 बजे के बाद डीजे आदि नहीं बजना चाहिए, लेकिन शादी समारोह शुरु होते ही शहर के मैरिज गार्डनों में रात 12 के बाद तक तेज आवाज में डीजे साउंड बजना शुरु हो जाएगा, जिससे इन मैरिज गार्डनों के आसपास के रहवासियों को रात को सोना तक मुश्किल हो जाता है। नगर निगम ध्यान नहीं देती।

अवैध तरीके से चल रहे मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई की जाएगीञ पांच के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई होनी है। अन्य मैरिज गार्डनाें को भी चिन्हित किया गया है। नियमाें का पालन न करने वालाें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विनोद शुक्ला, आयुक्त नगर निगम।

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