बरही में खुलेआम अवैध रेत का खनन व परिवहन

पर्यावरण स्वीकृति न मिलने से जिले में बंद रेत का कारोबार, माफिया काट रहे चांदी

माइनिंग विभाग व प्रशासन की अनदेखी से चल रहा अवैध कारोबार, अब नई ठेका कंपनी को रेत का अवैध परिवहन रोकने दी जांच नाकों की स्वीकृति, उत्खनन की अब तक नहीं मिली अनुमति

कटनी। जिले में रेत का अवैध उत्खनन रोकने में प्रशासन नाकाम रहा है। पहले ठेका कंपनी ने मनमाने तरीके से भारी मशीनें लगाकर नदियों का सीना छलनी किया वहीं अब ठेका खत्म होने के बाद अवैध उत्खनन कर रेत शहर तक पहुंच रही है। जिले में रेत की नई ठेका कंपनी मेसर्स धनलक्ष्मी मर्चन्डाइस प्राइवेट लिमिटेड को अब तक पर्यावरण स्वीकृति न मिलने के चलते खनन की अनुमति तो नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने कंपनी को 21 स्थलों पर नाके संचालित करने के लिए अनुमति दे दी है। कंपनी भले ही रेत का खनन नहीं करेगी लेकिन अवैध परिवहन पर नाकों से निगाह रखेगी। हालांकि ये नाके अवैध परिवहन रोकेंगे या अवैध वसूली का अड्डा बनेगी यह कहना मुश्किल है।

निर्माण कार्य पड़े बंद, रेत उपलब्ध कराने प्रशासन नाकाम- जिले में बारिश के तीन माह व अक्टूबर के 22 दिन से रेत का उत्खनन बंद होने के चलते रेत उपलब्ध नहीं हो रही है। सरकारी सहित निजी निर्माणकार्य ठप पड़े हुए हैं। जरूरतमंद लोगों को माफिया मनमाने दामों में रेत उपलब्ध करवा रहे हैं। प्रशासन व माइनिंग कार्पोरेशन ने भी रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने में फेल साबित हुए हैं।

स्टॉक में कैद 30 हजार घन मीटर रेत-पुरानी ठेका कंपनी द्वारा बारिश के पूर्व अलग-अलग स्थानों पर करीब 30 हजार घन मीटर रेत का स्टॉक किया गया था। ठेका खत्म होने के बाद माइनिंग विभाग ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। विभाग अब तक इस रेत के भी निवर्तन की कार्रवाई पूरी नहीं कर सका है।

यहां बनाए जाएंगे चेक पोस्ट- 21 चैक पोस्ट से रखी जाएगी रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर नजर, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम के लिए नाके स्थापित करने की अनुमति दी है। इनमें तहसील बरही के बरही नाका-2 तथा बहिरघाटा नाका, तहसील बड़वारा स्थित बसाड़ी, कांटी, सुड्डी, रोहा तथा रोहनिया, गुडहा कला, गुडा कला नाका -2, विलायत खुर्द/विलायतकला नाका, मझगवां नाका, विलायतकला नाका, तहसील विजयराघवगढ़ के विजयराघवगढ़ नाका सहित हिनौता, सिंगोड़ी, बरहटी, रमना नाका, तहसील ढ़ीमरखेड़ा स्थित पोन्डी खुर्द, पोन्डी कला, ठिर्री, दतला एवं ढ़ीमरखेड़ा नाका शामिल है।

बरही में खुलेआम अवैध खनन व परिवहन

बरही से 8 किलोमीटर दूर जाजागढ़ की पीपही नदी से रेत निकालकर वही आसपास के क्षेत्रों में भंडारण किया जा रहा है। रात के अंधेरे व दिन में तिरपाल डालकर इस रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि रेत माफियाओं की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि अधिकारी भी कार्रवाई करने से कतराते हैं। फिर यही रेत माफिया महंगे दामों पर रेत बेच रहे हैं।

पर्यावरण अनुमति न मिलने की वजह से नई ठेका कंपनी मेसर्स धनलक्ष्मी मर्चन्डाइस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उत्खनन नहीं किया जा रहा है। शासन के नियमानुसार जांच नाकों की स्वीकृति दी गई है। स्टॉक में उपलब्ध रेत के निवर्तन की कार्रवाई की जा रही है।
संतोष सिंह, जिला खनिज अधिकारी

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