तर्कसंगत दवा नीति और आवश्यक दवाओं पर जीएसटी शून्य करने की मांग

शहर में दो दिन होगी मध्यप्रदेश मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव्स यूनियन की जनरल काउन्सिल बैठक, कार्यों की समीक्षा के साथ ही आगामी रणनीति पर होगी चर्चा
संतोष मिश्रा कटनी। मध्यप्रदेश मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव्स यूनियन चार और पांच जनवरी को जिले में जनरल काउंन्सिल की बैठक का आयोजन कर रही है। बैठक में 20 इकाइयों और 10 सैटेलाइट इकाइयों के सौ से अधिक प्रतिनिधि खुले और सांगठनिक सत्रों में हिस्सा लेंगे। बैठक में पिछले एक साल की अपनी गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य के आंदोलन के संबंध में चर्चा की जाएगी।


मध्यप्रदेश मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव्स यूनियन के महासचिव अनुराग सक्सेना ने शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि देश में सेल्स प्रमोशन कर्मचारी 40 अधिसूचित उद्योगों में काम कर रहे हैं। सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज के लिए 1976 में केंद्रीय श्रम कानून बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज के लिए सिर्फ एक संगठन फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेेंटेटिव्स ऐसोसिएशंस ऑफ इंडिया हैै। जिसके देश भर में 1.15 लाख पंजीकृत सदस्य है। संगठन सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज के अधिकारों के साथ-साथ देश के आम लोगों के लिए लड़ रहे हैं। संगठन लंबे समय से एक तर्कसंगत दवा नीति और लोगों के लिए आवश्यक दवाओं की पहंुच के लिए अभियान चला रहा है।
संगठन संप्रुभता की रक्षा और दवा की कीमतों में कमी के लिए लगातार आंदोलन कर रहा है। उन्होंने बताया कि संगठन की जो मांगे हैं उनमें दवाओं की बढ़ती लागत के जवाब में दवाओं के लिए मूल्य में कमी और दवाओं को ड्रग प्राइस कंट्रोल आर्डर में लाने की मांग, सभी आवश्यक दवाओं पर जीएसटी खत्म करने की मांग, केन्द्र सरकार को स्वास्थ्य बजट में सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत खर्च करने की मांग, एसपीई के लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार प्रति महीने किए जाने, आठ घंटे काम करने का समय अधिसूचित करने सहित अन्य मांगे शामिल हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन के महासचिव अनुराग सक्सेना, अध्यक्ष संजय सिंह तोमर, सचिव शैलेन्द्र शर्मा, वीरेन्द्र सिंह रावल, मनोज तिवारी, जिला अध्यक्ष शिव परौहा सहित अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों की उपस्थिति रही।

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