उपभोक्ता ने मौके पर किया हंगामा, सूचना पाकर पहुंची पुलिस और नापतौल विभाग अधिकारी
कटनी। नदीपार स्थित पेट्रोलपंप में मशीन में तो उपभोक्ता को पेट्रोल निर्धारित आकड़ों के अनुसार दे रहे हैं लेकिन जांच में यही पेट्रोल कम निकल रहा है। रविवार दोपहर एक उपभोक्ता ने इस बात को लेकर जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर बस स्टैंड चौकी पुलिस व नापतौल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। घंटों तक पेट्रोलपंप की जांच चलती रही लेकिन अधिकारी किसी नतीजे नहीं पहुंचे।
सिविल लाइन निवासी नितिन पाठक ने बताया कि उन्होंने नदी पार स्थित पेट्रोल पंप में गुरुवार की सुबह 11 बजकर 11 मिनट में कार क्रमांक एमपी 21 का 3522 में पेट्रोल डलवाने पहुंचे थे। टैंक फुल करने के लिए कहा तो कर्मचारियों के द्वारा 50 लीटर पेट्रोल डाला गया। नितिन पाठक ने बताया कि 7 से 8 लीटर पेट्रोल पहले से था, लेकिन फिर भी 50 लीटर पेट्रोल डाल दिया गया। नितिन ने बताया कि टंकी की क्षमता से अधिक पेट्रोल डालने पर उन्होंने जांच की मांग की। कार से पेट्रोल निकलवाया गया तो वह 47 लीटर ही निकला। मौके पर पहुंचने नापतौल अधिकारी पंप संचालक की पैरवी में ही जुटे रहे। उन्होंने कहा कि पंप का मीटर लॉक होता है, उसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यदि जांच के दौरान उसकी माप सही आ रही है तो फिर इस मामले में कोई धारा नहीं बनती। इतना सुनकर पंप संचालक शशांक चांडक इस बात को लेकर आश्वान्वित हो गए कि उन पर तो कोई कार्रवाई नहीं होगी और तेज आवाज में बात करने लगे। इस दौरान कहा कि पुलिस-प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगा। इसको लेकर दोनाें पक्षों में जमकर गहमा-गहमी का माहौल निर्मित हो गया। समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
मामले में पेट्रोल पंप संचालक का कहना है कि सभी लोगों के सामने पेट्रोल डाला गया तो मीटर सही बता रहा है। लेकिन कार में तीन लीटर पेट्रोल कम निकला है। डिलेवरी सही है लेकिन रिसीविंग में अंतर है। मशीन में कोई सेटिंग नहीं है। यह गड़बड़ी कैसे हुई इसकी जांच अधिकारी कर रहे हैं।
सूचना के 4 घंटे बाद नहीं पहुंचे अधिकारी- पेट्रोल पंप में कम पेट्रोल दिए जाने के बाद ड्रामा सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे के बाद जारी रहा। कार चालक नितिन पाठक ने दोपहर डेढ़ बजे मामले की सूचना जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी बालेंद्र शुक्ला, एसडीएम राकेश चौरसिया को सूचना दी। पंप में हुई गड़बड़ी के बारे में बताया, लेकिन कोई भी जांच के लिए खाद्य व राजस्व व प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचे। नितिन ने बताया कि मामले की जानकारी कलेक्टर अवि प्रसाद को भी दी गई है। उन्होंने इस मामले में जांच कराने की बात कही है।
पंप से पेट्रोल की नाप कराते नापतौल अधिकारी।
तीन घंटे चलती रही नाप
पेट्रोल पंप में हुई गड़बड़ी के बाद तीन घंटे से अधिक समय तक नाप चलती रही। कार में डाला गया 50 लीटर पेट्रोल निकलवाया गया। इस दौरान मात्र 47 लीटर ही निकला। इसके बाद कार की टंकी खुलवाई गई, पूरी तरह से पेट्रोल बाहर निकाला गया। मौके पर पहुंचे नापतौल अधिकारी के समक्ष फिर नापकर टंकी में पेट्रोल डलवाया गया तो उसमें 54 लीटर के आसपास चला गया। फिर जब बाहर कराया तो 48 लीटर के आसपास पेट्रोल निकला, जिससे अधिकारी, मौके पर मौजूद कुठला पुलिस भी परेशान रही।
उपभोक्ता की कार की टंकी में डाले गए पेट्रोल में जांच के दौरान 4 लीटर का अंतर आ रहा है, लेकिन जब पंप की मशीन से नाप की जा रही है तो सही आ रही है। इस मामले में पंचनामा कार्रवाई की गई है। कम पेट्रोल निकलने पर कोई अपराध नहीं बनता। वरिष्ठ अधिकारियाें के निर्देशन में आगे की जांच कार्रवाई होगी।
माजिद खान, जिला नापतौल अधिकारी
- स्व. श्री विनोद कुमार बहरे