कटनी। जिले में कौशल विकास के कार्यक्रम में NSQF के माध्यम से विभिन्न शासकीय विद्यालय में लगभग 100 से अधिक व्यावसायिक प्रशिक्षक, विद्यार्थियों के कौशल विकास एवं आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का कार्य विगत 8 वर्ष से कर रहे हैं।
पूरे मध्य प्रदेश राज्य में व्यवसायिक प्रशिक्षकों की संख्या 3000 से अधिक है। इन व्यवसायिक प्रशिक्षकों को विभिन्न ट्रेनिंग पार्टनर एजेंसियों के द्वारा नियुक्त किया गया है।
11 अगस्त को पूरे राज्य के समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने एक साथ एक ही समय पर नवीन व्यावसायिक शिक्षा- प्रशिक्षक महासंघ के आवाहन पर सैकड़ो की संख्या में विश्वास की पाती नाम से पत्रों को माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किया है। जिसके साथ उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित पत्र भेजा है।
समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षक ने पत्र में ध्यान आकर्षित कराया है कि पूरे देश में माननीय प्रधानमंत्री जी के सपने कौशल-भारत कुशल-भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने वे लगे हुए हैं।
व्यवसायिक प्रशिक्षकों की मुख्य मांगे व्यावसायिक प्रशिक्षकों/शिक्षकों की जॉब सिक्योरिटी हेतू जॉब पॉलिसी का निर्धारण करते हुये स्थाई नीति का निर्धारण हो। मध्यप्रदेश में विगत 8 वर्षों से व्यावसायिक प्रशिक्षकों/ शिक्षकों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई अतः 8 वर्षों को ध्यान रखते हुये हरियाणा मॉडल की तर्ज पर नवीन मानदेय का निर्धारण हो। भविष्य में प्रतिवर्ष मानदेय में 10 प्रतिशत तक बढोत्तरी को निर्धारित किया जाए।
विभिन्न अवकाश सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो।
किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने पर विभिन्न बीमा योजनाओं का लाभ प्राप्त हो।
पूर्व में ट्रेड के बन्द होने के कारण एवं वर्तमान में कम्पनी का अनुबंध समाप्त होने के कारण नई कम्पनी आने तक कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों/शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। उन्हें प्राथमिकता के साथ यथावत रखा जाए। हाल ही में संविदा कर्मियों को दिए गए लाभ की भांति व्यावसायिक प्रशिक्षकों/शिक्षकों को भी विभागीय सुविधाओं का लाभ दिया जाए।
व्यवसायिक प्रशिक्षक द्वारा चर्चा में बताया गया कि वे उक्त मांगें नहीं माने जाने पर अपनी मांगों को पुनः ध्यान में लाने के लिए आने वाले दिनों में व्यवसायिक प्रशिक्षकों के द्वारा सद्भावना स्वाभिमान पदयात्रा का आयोजन किया जाना भी प्रस्तावित है।
- स्व. श्री विनोद कुमार बहरे