उद्योगपति मनीष गई ने 5 बच्चों की परवरिश के लिए दिए 1.20 लाख

अनाथ बच्चों की शिक्षा दीक्षा में आगे आए औद्योगिक घराने

कलेक्टर के आह्वान पर सीएसआर की बैठक में औद्योगिक घरानों ने लिया था संकल्प

कटनी। अपने अभिभावकों को खो चुके गरीब बच्चों की शिक्षा दीक्षा में कोई रुकावट न आए, इसके लिए कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद के प्रयासों से प्रेरित होकर जिले के औधोगिक घरानों द्वारा ऐसे बच्चों के बालिग होने तक 2000 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता करने का प्रण लिया था। इसी संकल्प को पूरा करते हुए आज सोमवार को अजय फूड प्राइवेट लिमिटेड की ओर से उद्योगपति मनीष गई द्वारा कलेक्टर श्री प्रसाद को ऐसे 5 अनाथ बच्चों की आर्थिक सहायता के लिए प्रथम वर्ष हेतु 1 लाख 20 हजार रुपए का चैक सौंपा। इस मौके पर उनके साथ महाकौशल रिफेक्टरीज के उद्योगपति अरविंद गुगलिया भी मौजूद थे, जिनके द्वारा गुगलिया चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से ऐसे 10 अनाथ बच्चों के बालिग होने तक आर्थिक सहायता का संकल्प लिया गया है।
कलेक्टर की प्रेरणा से प्रकाशित होगा अनाथ बच्चों का जीवन

अपने अभिभावकों को खो चुके ऐसे असहाय बच्चों के जीवन में आशा की किरण बनकर उभरे कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा अभिनव पहल करते हुए औद्योगिक घरानों से सीएसआर के जरिए निजी स्पॉन्सरशिप के माध्यम से ऐसे बच्चों की शिक्षा और परवरिश के लिए बालिग होने तक 2 हजार रूपए आर्थिक सहायता प्रदान करने का आह्वान किया गया था। कलेक्टर श्री प्रसाद के इस पुनीत और सेवा समर्पित कार्य में औद्योगिक घरानों ने सहयोगी बनना सहर्ष स्वीकार किया।

ये तो सिर्फ शुरुआत है…
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा चलाई जा रही निजी स्पॉन्सरशिप योजना से ऐसे अनाथ बच्चों को सिर्फ एक वर्ष तक शिक्षा दीक्षा के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान है। जिसे और असरदार और व्यापक बनाते हुए कलेक्टर श्री प्रसाद ने कटनी जिले में इस योजना के तहत ऐसे बच्चों को बालिग होने तक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास किए हैं। जिसमें एसीसी कैमोर, महाकौशल रिफेक्ट्रीज, अल्ट्राटेक आदित्य बिरला ग्रुप, उद्योगपति पवन मित्तल, मनीष गई आदि द्वारा अनाथ बच्चों की शिक्षा दीक्षा को अपने हाथों में लेने का संकल्प विगत दिनों हुई सीएसआर की बैठक में कलेक्टर श्री प्रसाद की प्रेरणा से लिया था। कलेक्टर श्री प्रसाद ने कहा कि यह तो अभी सिर्फ पहल है हमें ऐसे बच्चों और वंचित वर्ग की सेवा और सहायता के कई पडाव पूरे करने हैं।

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